मनोरंजक कथाएँ >> टीनू की सूझबूझ टीनू की सूझबूझदिनेश चमोला
|
3 पाठकों को प्रिय 316 पाठक हैं |
इसमें टीनू के जीवन पर आधारित कहानी का वर्णन किया गया है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
टीनू की सूझ-बूझ
रूपमती तालाब के किनारे एक घना जंगल था। उसमें कई प्रकार के जीव-जन्तु
प्रेम से रहते थे। किसी को भी किसी प्रकार का कोई कष्ट व भय नहीं था। सभी
निर्भय होकर वन में विचरण करते। रूपमती तालाब के जल में उछल-कूद करते व
खुशी-खुशी अपने-अपने घरों को चल निकलते। जंगल के जीव-जन्तुओं की एक कल्याण
सभा थी जिसमें बराबर ही सभी के सुख-दुःखों की पड़ताल होती थी। सभी आपस में
खुशी से जीवन के दिन यापन करते। छोटे-बड़े के भेदभाव का वहां कोई प्रश्न
ही नहीं उठता था।
रूपमती तालाब के जीवों का जीवन जीने का अपना ही ढंग था। दूसरे पड़ोसी जंगलों के जीव जब भी वहाँ आकर उनका ठाठ-बाट देखते तो भौंचक्के ही रह जाते हर वर्ष जंगल में चुनाव का प्रचार अभियान चलता किसी भी प्रकार की हिंसा पर पूरी रोक थी। अतः हर प्रकार की गतिविधियाँ हँसी-खुशी में ही सम्पन्न होती थीं। पूरे मंत्रिमण्डल का चुनाव होता जिसमें हर प्रकार के मंत्रियों में हर प्रकार के जीवों की हिस्सेदारी आवश्यक थी। बस, रूपमती का तालाब औऱ जंगलों के पशुओं के लिए एक आदर्श नमूना था।
रूपमती तालाब के जीवों का जीवन जीने का अपना ही ढंग था। दूसरे पड़ोसी जंगलों के जीव जब भी वहाँ आकर उनका ठाठ-बाट देखते तो भौंचक्के ही रह जाते हर वर्ष जंगल में चुनाव का प्रचार अभियान चलता किसी भी प्रकार की हिंसा पर पूरी रोक थी। अतः हर प्रकार की गतिविधियाँ हँसी-खुशी में ही सम्पन्न होती थीं। पूरे मंत्रिमण्डल का चुनाव होता जिसमें हर प्रकार के मंत्रियों में हर प्रकार के जीवों की हिस्सेदारी आवश्यक थी। बस, रूपमती का तालाब औऱ जंगलों के पशुओं के लिए एक आदर्श नमूना था।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book